‘स्वदेशी ज्ञान प्रणालियाँ और समकालीन समय में उनका महत्व’ पर जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में हुई अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली, जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के “सार्वभौमिक मूल्य और नैतिकता” केंद्र द्वारा ‘स्वदेशी ज्ञान प्रणालियाँ और समकालीन समय में उनका महत्व’ विषय पर
आईसीएसएसआर (ICSSR) के सहयोग से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

प्रो स्वाति पाल, प्राचार्य जानकी देवी  मेमोरियल महाविद्यालय, प्रो धनंजय सिंह, (सदस्य सचिव,आईसीएसएसआर) प्रो नंदिनी साहू, (अंग्रेज़ी की प्रो, इग्नू )और प्रो ओमनाथ बिमली  (संस्कृत शिक्षण विभाग के अध्यक्ष) ने उद्घाटन समारोह में स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों के महत्व और प्रासंगिकता पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। संगोष्ठी के कुल 5 पैनल चर्चा सत्रों में 18 वक्ताओं को आमंत्रित किया गया तथा इन सभी सत्रों में भारतीय संस्कृति,सभ्यता, पर्यावरण संरक्षण ,शास्त्रीय कलाओं विशेषतया संगीत ,चेतना जागरण तथा आत्मोन्नति पर विचार विमर्श किया गया। पाँच शोध-पत्र प्रस्तुतिकरण सत्रों में अध्यात्म व चेतना, पर्यावरण, गाँधीवादी दर्शन और शास्त्रीय संगीत जैसे विषयों पर 31 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए।

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का नेतृत्व कॉलेज संस्थान की मुखिया प्रो स्वाति पाल के दिशा निर्देशन में हुआ। प्रातःकाल उद्घाटन सत्र सम्मेलन के पश्चात द्वि-दिवसीय अन्य सत्रों में गणमान्य अतिथि वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर वक्तव्य प्रदान किये। अन्य महाविद्यालयों से आए हुए अध्यापकों एवं शोधकर्ताओं ने विभिन्न विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर प्रो.रामनाथ झा, स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज, जे.एन.यू तथा संस्थान की प्राचार्या प्रो स्वाति पाल जी के निर्देशन एवं सहयोग से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक समापन पर विशेष तौर पर प्राचार्या प्रो. स्वाति पाल, निदेशक डॉ. प्रेरणा अरोड़ा, डॉ. गुरिन्दर हरनाम सिंह, प्रो. सुधा उपाध्याय, डॉ.वंदना मदन, डॉ. नताशा, डॉ संध्या गर्ग, डॉ निशा मालिक, डाँ. जयंती पी साहू जी, डॉ. दीपक रावत, डॉ रेणुका, डॉ हर्षबाला, भावना पाल,अनुराधा, तारिणी पांडेय, तन्नू शर्मा, कनिका कक्कड़, डॉ वंदना, अंकिता कुमार, कैलाश रानी, निर्मल कुमार, डा.खुर्शीद, अलका, डॉ राहुल प्रसाद और डॉ दीनदयाल ने अपनी महनीय भूमिका का निर्वहन करते हुए कार्यक्रम की सफलता में अपना योगदान प्रदान किया।

0Shares

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours