नई दिल्ली, डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज की काउंसलिंग कमेटी ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में रजत जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया। विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर काउंसिलिंग करने वाली समिति के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध मनोविश्लेषक प्रो. अरुणा ब्रूटा उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति प्रो पीसी पातंजलि और कॉलेज प्राचार्य प्रो सदानंद प्रसाद भी उपस्थित रहे।
कॉलेज विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो अरुणा ब्रूटा ने कहा कि आज भी लोगों को मनोविकार और मनोविज्ञान के बीच का अंतर पता नहीं है। उन्होंने अपनी मनोवैज्ञानिक करियर की प्ररेणादायक यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा (पीएफए) तनाव के लक्षणों को कम करने में काफी मददगार साबित होता है और व्यक्ति को आपदा एवं आघात से उभरने में सहायता करता है। उन्होंने हैप्पी केमिकल कहे जाने वाले सेरोटोनिन हार्मोन की भूमिका की भी चर्चा की। हैप्पी केमिकल व्यक्ति के मानसिक संतुलन और खुशी को बढ़ाने में सहायक होता है। कार्यक्रम में वर्तमान समय में मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा के महत्व पर चर्चा भी की गई।
प्रो. पीसी पातंजलि ने कहा कि संघर्ष से ही व्यक्ति अपनी मंजिल को प्राप्त करता है। काउंसलिंग कमेटी की संयोजिका अनीता श्रीवास्तव ने कमेटी की विकास यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कमेटी के प्रति समर्पित काउंसलर्स को उनके अतुलनीय योगदान के लिए अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। दिलजीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मानव स्वभाव को समझना मुश्किल काम है किन्तु समझना असंभव नहीं है। कार्यक्रम में सिमरित कौर, खुश्बू, अदिति, अपर्णा और मोक्षिता को मनोविज्ञान में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। काउंसलिंग कमेटी की छात्र अध्यक्ष हर्षिता पुरोहित सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
मानसिक स्वास्थ्य में हैप्पी केमिकल की अहम भूमिका

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