समालखा (सुधीर सलूजा) आज 76वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का भव्य शुभारंभ हुआ। आज पहले दिन समागम में लाखों श्रद्धालु पहुंचे।
दिव्य युगल का भव्य आगमन-

सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के समागम स्थल पर आगमन होते ही सन्त निरंकारी मण्डल के प्रधान पूज्य सी.एल.गुलाटी जी एवं मंडल के कार्यकारिणी समिति के विभिन्न सदस्यों द्वारा फूलों के गुलदस्ते एवं फूलों की मालाओं द्वारा दिव्य युगल का हार्दिक स्वागत किया गया। उसके उपरान्त दिव्य युगल को एक फूलों से सजाई गई पालकी में विराजमान कर समागम के मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंच तक ले जाया गया। निरंकारी इन्स्टिट्यूट ऑफ म्युज़िकल आर्टस के 11 शहरों से आये हुए बच्चों द्वारा गाए जा रहे अभिनंदन गीत के साथ यह पालकी चल रही थी। जिसकी अगुवाई संत निरंकारी सेवादल बैण्ड, संत निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति और केंद्रीय नियोजन एवं सलाहकार समिति के सदस्यों द्वारा की गई।
दिव्य युगल को अपने समक्ष पाकर समागम स्थल पर उपस्थित श्रद्धालु भक्त भावविभोर हो उठे। आनंद से सराबोर सभी श्रद्धालु भक्त अपने भीगे नयनों से और हाथ जोड़कर धन निरंकार के जयघोष के साथ उनका अभिवादन कर रहे थे। भक्तों के अभिवादन को स्वीकार करते हुए दिव्य युगल ने भी अपनी मधुर मुस्कान द्वारा सभी भक्तों को पावन आशीर्वाद प्रदान किया।
निरंकारी प्रदर्शनी-
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम स्थल पर विशाल रूप में निरंकारी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिसका मुख्य विषय है ‘सुकून – अंतर्मन का’ जो समागम का मुख्य विषय है। इस विषय पर आधारित प्रदर्शनी नजर-ए-सुकून, दिदार-ए-सुकून, रहमतें-ए-सुकून, बहार-ए-सुकून, एतबार-ए-सुकून, उम्मीद-ए-सुकून आणि सुकून-ए-सद्गुरु इत्यादि आठ दालन बनाये गए हैं।
इस वर्ष प्रदर्शनी को 6 भागों में बांटा गया है जिसमें मुख्य प्रदर्शनी के अतिरिक्त स्टुडियो डिवाईन, बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रदर्शनी, थिएटर एवं डिजाईन स्टुडियो इत्यादि का समावेश है।
विगत 25 अक्तूबर को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के करकमलों द्वारा किया गया। उसके उपरान्त से ही इसे देखने के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।समागम में प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 8:00 बजे तक आध्यात्मिक कार्यक्रम होंगे और 8:00 के बाद माता सुदीक्षा जी प्रवचन करेंगे। समागम के कार्यक्रम में पहले दिन बच्चों का कवि दरबार लगेगा ,दूसरे दिन महिलाओं के सशक्तिकरण पर कार्यक्रम होगा और तीसरे दिन बहुभाषीय कवि दरबार का आयोजन होगा। दुनिया भर के 25 देशों से लगभग 2000 श्रद्धालु समागम में शामिल होंगे और पूरे भारत से लगभग 10 लाख श्रद्धालु भक्ति भाव से सराबोर वातावरण में माता सुदीक्षा जी के प्रवचनों को श्रवण करेंगे। समागम में लगभग एक लाख वॉलिंटियर्स सेवा में लगे हैं। इनसे अच्छे प्रबंधन का सबक सीखा जा सकता है।
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