बारह दिल्ली सरकार वित्त पोषित कॉलेजों के ग्रांट संकट पर डीयू ने एसी के विशेष सत्र बुलाने पर सहमति जताई

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दिल्ली सरकार द्वारा निरंतर ग्रांट काटने और अपर्याप्त मिलने से शिक्षण कार्य प्रभावित

छात्र, कक्षाएं, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी सभी पीड़ित

नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक परिषद् (एसी) की बैठक में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के सदस्यों ने दिल्ली सरकार के द्वारा वित्त पोषित बारह कॉलेजों में पिछले कई सालों से चले आ रहे ग्रांट और सेलरी के संकट पर जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा। एनडीटीएफ के एसी सदस्यों ने सेलरी संकट को दूर करने के लिए डीयू प्रशासन से इसके स्थाई समाधान की मांग की। एन डी टी एफ के ए सी सदस्यों ने इन बारह कॉलेजों को अपने अधीन लेने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि अपर्याप्त ग्रांट व समय पर वेतन न मिलने से इन कॉलेजों में शिक्षण कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन देते हुए इन दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में शिक्षक और कर्मचारियों के लिए अनुदान और वेतन संकट पर चर्चा के लिए अकादमिक परिषद् का विशेष सत्र बुलाने पर सैद्धांतिक तौर पर अपनी सहमति प्रदान की। नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के एसी सदस्य ने बताया कि बारह कॉलेजों में अपर्याप्त और देरी से ग्रांट के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
एन डी टी एफ के ए सी सदस्यों ने डी यू में डा भीमराव अंबेडकर चेयर की स्थापना की मांग की जिसपर डी यू प्रशासन ने सकारात्मक रूप में विचार करने का आश्वासन दिया।

अकादमिक परिषद् की बैठक में एनडीटीएफ के सदस्यों ने 12 जुलाई 2024 को पीएचडी पर्यवेक्षकों की पात्रता शर्तों में संशोधन का मुद्दा, जिससे कि विभिन्न विभागों और कॉलेजों के संकाय सदस्यों को प्रभावित किया गया है, को भी समाधान के लिए उठाया। साथ ही स्कोपस सूचीबद्ध और यूजीसी केयर सूचीबद्ध जर्नलों को पात्रता के लिए अनिवार्य बनाने से बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों के प्रभावित होने के विषय को भी अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत किया जिसपर उन्होंने पुनः विचार करने की सहमति दी।
बैठक में एन डी टी एफ की मांग पर कुलपति ने आगामी 31जुलाई 2024 तक सभी कॉलेजों में रिक्त पद विज्ञापित करने का आश्वासन दिया। एन डी टी एफ सदस्यों ने मांग की कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में भी स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति के विषय में भी एन डी टी एफ सदस्यों की मांग पर डीन ऑफ कॉलेज को मामले के समाधान और नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किया गया।

अकादमिक परिषद् की देर रात तक चली। बैठक में एन डी टी एफ के सदस्यों द्वारा विभागों और कॉलेजों में सीनियर प्रोफेसरशिप के लिए पदोन्नति में देरी, एडवांस इन्क्रीमेंट, कंफर्मेशन लेटर और कॉलेज द्वारा जारी एसओपी का मुद्दा, पास्ट सर्विस जोड़ने का मुद्दा,अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अधिनियम VI – बी का उल्लघंन और पीएचडी कार्यक्रम में एससी, एसटी सीट पर प्रवेश का विषय भी उठाया जिसपर अध्यक्ष ने समाधान का भरोसा दिया। संगठन के प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों के हित में डिग्री और मार्कशीट में सुधार के लिए फीस बढ़ाने के विषय को भी उठाया जिसपर परिषद् अध्यक्ष ने कहा कि यदि गलती विश्वविद्यालय के स्तर पर हुई है तो कोई शुल्क नहीं लगेगा और यदि गलती विद्यार्थी के स्तर पर है तो सुधार की फीस होगी। इसी तरह सदस्यों ने सीयूईटी के कारण प्रवेश प्रक्रिया में देरी और डीयू सीईटी को शिफ्ट करने की मांग की। विज्ञान पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल के लिए अधिक समय की मांग भी रखी जिसपर सकारात्मक समाधान का भरोसा अकादमिक परिषद् के अध्यक्ष द्वारा दिया गया।

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