दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) का ऐलान, दिल्ली सरकार के स्व – वित्तपोषित मॉडल से इंकार

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने कड़े विरोध का रुख अपना लिया है। डूटा ने ऐलान किया है कि उन्हें कालेजों के लिए दिल्ली सरकार का वह स्व वित्तपोषित मॉडल स्वीकार नहीं है जिसमें कर्मचारियों व शिक्षकों के वेतन के भुगतान के लिए छात्र निधि के उपयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। डूटा अध्यक्ष प्रो.ए.के. भागी ने इस विषय में बयान जारी कर कहा है कि माननीय उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद नौकरशाही दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों की समस्या का समाधान करने को तैयार है लेकिन राजनीतिक नेतृत्व इसमें बाधक बना हुआ है। डूटा ने अब दिल्ली सरकार के इस शिक्षक विरोधी रुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिसके परिणामस्वरूप आगामी 12 अप्रैल को महाराजा अग्रसेन कॉलेज में कलस्टर धरना आयोजित किया जाएगा।
डूटा अध्यक्ष ने बताया कि डूटा और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रिंसिपल एसोसिएशन (डीयूपीए) के ज्ञापन और दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों से संबंधित मुद्दों पर उपराजपाल के साथ डूटा पदाधिकारियों की बैठक के बाद, एनसीटी दिल्ली सरकार द्वारा एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था। बीती 3 अप्रैल, 2024 को इस समिति की बैठक हुई। इस अवसर पर दिल्ली सरकार के शिक्षा सचिव द्वारा 12 कॉलेजों में पिछली कमी की सारी जानकारी एकत्र की गई। इसे कमेटी की बैठक के कार्यवृत्त (मिनट्स) में भी दर्ज किया गया है। साथ ही यह आश्वासन दिया गया है कि इस संकट को समाप्त करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और डीयू मानदंडों के अनुसार शिक्षण पदों को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी।
डूटा अध्यक्ष ने कहा कि बावजूद इसके अप्रैल में भुगतान किया गया मार्च माह का वेतन और शिक्षकों और कर्मचारियों के अन्य लंबे समय से लंबित बकाया दिल्ली सरकार द्वारा जारी नहीं किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद (जैसा कि पहले भी कई मौकों पर हुआ है), नौकरशाही सकारात्मक है और 12 कॉलेजों की समस्या का समाधान करना चाहती है लेकिन आप सरकार का राजनीतिक नेतृत्व जिद पर अड़ा है और अनावश्यक विवाद और भ्रम का सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं चाहता है। दिल्ली सरकार के द्वारा 3 अप्रैल, 2024 की बैठक के कार्यवृत्त में, एक बार फिर यह दर्ज किया गया है कि वेतन का भुगतान करने के लिए छात्र निधि शुल्क का उपयोग करने की संभावना तलाशी जाएगी। यह उच्च शिक्षा के स्व-वित्तपोषण मॉडल और आप दिल्ली सरकार की सहायता के प्रस्तावित पैटर्न का प्रमाण है जिसे आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता में आने के बाद से ही आगे बढ़ा रही है। डूटा ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार के शिक्षा के स्व-वित्तपोषण मॉडल को खारिज कर दिया। डूटा की मांग है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए पिछले वर्षों की कमी सहित पूर्ण अनुदान सहायता तुरंत जारी की जाए।स्व-वित्तपोषण मॉडल की ओर ले जाने वाली सहायता के प्रस्तावित पैटर्न को वापस लिया जाए।यूजीसी और डीयू कार्य भार मानदंडों के अनुसार सभी शिक्षण पदों को मंजूरी दी जाए और इन पदों को जल्द से जल्द स्थाई आधार पर भरा जाए तथा वित्तीय अनियमितताओं के झूठे आरोपों और डीयू से 12 कॉलेजों की संबद्धता रद्द करने और इन कॉलेजों को अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली और डीईएसयू जैसे राज्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने के संबंध में सुश्री आतिशी के पत्र तत्काल वापस लिया जाएं। डूटा अध्यक्ष प्रो.भागी ने कहा कि जब तक हमारी मांगें स्वीकार नहीं होती है संघर्ष जारी रहेगा।

0Shares

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours