पानीपत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय सभा, आगामी एक वर्ष में एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य

पानीपत ( सुधीर सलूजा) हरियाणा के पानीपत जिले के समालखा कस्बे के गांव पट्‌टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और मा. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्पित कर तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ किया। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में देशभर से 34 संगठनों के 1474 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

   एक दिन पहले शनिवार को समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा परिसर में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी द्वारा भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उनके साथ संघ के उत्तर क्षेत्र संघचालक सीताराम व्यास, हरियाणा प्रांत संघचालक पवन जिंदल भी उपस्थित रहे।

 इस अवसर पर भय्याजी जोशी ने कहा कि इस तरह की प्रदर्शनी हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देने का काम करती है। ये युवा पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक, धार्मिक स्थलों व इतिहास के बारे में जानकारी देने में सहायक सिद्ध होती है।
 

 
 
प्रदर्शनी में हरियाणा के इतिहास का वर्णन कर रहे शिलालेखों के बारे में दर्शाया गया है। इसमें अशोक, शुंगकालीन से लेकर प्रथम विश्व युद्ध तक के शिलालेख हैं। वहीं नाथ सम्प्रदाय, दादू पंथी सहित अन्य सम्प्रदायों के भी शिलालेख हैं। प्राचीन धर्मशालाओं, स्कूलों, चिकित्सालयों, मंदिरों, तालाबों, कुओं के बारे में भी प्रदर्शनी में दर्शाया गया है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान व हरियाणा के स्वतंत्रता सेनानियों, सरस्वती शोध संस्थान द्वारा सरस्वती नदी के विकास की यात्रा, हरियाणा की संस्कृति, खान-पान, वेशभूषा, तीज-त्यौहार, उत्सव, हरियाणा के धार्मिक, ऐतिहासिक, पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक गुरुद्वारे व हरियाणा की भौगोलिक जानकारी भी है। हरियाणा के विख्यात व्यक्तित्व, उद्योगपति, कलाकार, खिलाड़ी, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे सेवा व समाज कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया है। स्वावलंबी भारत अभियान के साथ देश में स्वरोजगार को कैसे बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके बारे में भी विस्तृत रुप से जानकारी दर्शाई गई है। हरियाणा में आपदा के दौरान संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किए गए राहत व सेवा कार्यों को भी दिखाया गया है। हरियाणा में संघ कार्य को खड़ा करने में अपना जीवन देने वाले संघ के वरिष्ठ प्रचारकों की जीवनी के साथ-साथ प्रदर्शनी में चार डिजिटल प्रदर्शनी भी हैं। इसमें वीडियो के माध्यम से सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र से समाज को क्या लाभ होगा, इसके बारे में भी बताया जा रहा है।
रविवार को सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में हो रही सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता हीराबेन मोदी, अभिनेता-फिल्म निर्माता सतीश कौशिक , समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी गई।बैठक के पहले सत्र में, आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने उन सभी 107 प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पढ़े, जिनका पिछले एक साल में निधन हो गया।

प्रतिनिधि सभा के शुभारंभ के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि 2025 में संघ अपने स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। वर्तमान में संघ 71355 स्थानों पर प्रत्यक्ष तौर पर कार्य कर समाज परिर्वतन के महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भूमिका निभा रहा है। अगले एक वर्ष तक एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है। वर्ष 2020 में आई कोरोना आपदा के बाद भी संघ कार्य बढ़ा है। 2020 में 38913 स्थानों पर 62491 शाखा, 20303 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन व 8732 स्थानों पर मासिक मंडली चल रही थी। 2023 में यह संख्या बढक़र 42613 स्थानों पर 68651 शाखाएं, 26877 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 10412 स्थानों पर मासिक मंडली तक पहुंच गई है। संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है। 6663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59326 मंडलों में से 26498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं। शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए संघ के नियमित प्रचारकों व विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं।
 

 
सह सरकार्यवाह ने कहा कि सारे भारत का सारा समाज एक है, सब समान हैं, सब मेरे अपने हैं, मुझे समाज के लिए कुछ देना है, ऐसे विचारों की अनुभूति व संस्कार संघ की शाखा से आते हैं। संघ के स्वयंसेवक अपने दैनिक कार्यों में से समय निकालकर तथा अपनी जेब से पैसा खर्च कर समाज परिवर्तन में योगदान देते हुए संघ कार्य का विस्तार करते हैं। संघ की शाखा से व्यक्ति निर्माण होता है, जो आगे चलकर समाज में राष्ट्रीय विचारों का जागरण व समाज को साथ लेकर समाज परिवर्तन में अपनी भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि आज संघ के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। लोग संघ को ढूंढते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संघ के साथ जुड़ने के लिए निवेदन कर रहे हैं। वर्ष 2017 से 2022 तक ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से संघ के पास 7,25,000 निवेदन आए हैं। इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं, जो समाज सेवा के लिए संघ से जुड़ना चाहते हैं। दैनिक शाखाओं में भी युवाओं की रुचि बढ़ रही है। संघ की 60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं। पिछले एक वर्ष में 121137 युवाओं ने संघ का प्राथमिक शिक्षण प्राप्त किया है। आगामी वर्ष की योजना में देशभर में संघ शिक्षण के 109 शिक्षण वर्ग लगेंगे, जिसमें लगभग 20 हजार स्वयंसेवकों के शिक्षण प्राप्त करने का अनुमान है। उन्होंने संघ के शिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि संघ के प्रथम वर्ष में 15 से 40 आयु वर्ग के स्वयंसेवक, द्वितीय वर्ष में 17 से 40 आयु वर्ग के स्वयंसेवक तथा तृतीय वर्ष में 25 से 40 आयु वर्ग के स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। 40 से अधिक आयु के स्वयंसेवकों के लिए विशेष प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए जाते हैं।
 

डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि यह भगवान महावीर परिनिर्वाण का 2550 महोत्सव वर्ष है, आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म के 200 वर्ष तथा शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीनों के संदर्भ में भी प्रतिनिधि सभा में वक्तव्य पारित होंगे। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के अमृतकाल को ध्यान में रखकर एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।

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