बदलेंगे सोच , बेटी नहीं है बोझ : वेदिथा रेड्डी

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नई दिल्ली, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत उत्तर पूर्वी जिला अधिकारी कार्यालय एवं डा भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में घरेलू हिंसा, यौन अपराध रोकथाम और आई टी पी ए एक्ट पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर पूर्वी दिल्ली की जिलाधिकारी वेदिथा रेड्डी उपस्थित रहीं।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की शुरुआत सखी वन स्टेप केंद्र योजना के लघु फिल्म को दिखाकर किया गया। सखी वन स्टेप में सभी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थाई आश्रय, पुलिस जांच, सहायता, चिकित्सा एवं काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। सखी वन स्टेप केंद्र की व्याख्या करते हुए उत्तर पूर्व दिल्ली की जिलाधिकारी वेदिथा रेड्डी ने कहा कि बेटी को केवल पढ़ना ही नहीं बल्कि सुरक्षित स्थान भी प्रदान करना है। जिसके लिए आंचल कैंपेन को शुरू किया गया है। जिसमें सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाता है।
एसीपी प्रवीण कुमारी ने कहा कि हम सभी समाज के अंग हैं। ऐसा अक्सर देखा जाता है कि महिलाओं को मार पीटकर उन्हें घर से बेदखल कर देते हैं। इससे उनका जीवन अवसादों से ग्रस्त हो जाता है।
प्रोफेसर शशि रानी ने सत्र को संबोधित करते हुए यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः के मंत्र का आह्वान करते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय महिलाओं का वैभवशाली इतिहास रहा है। उसके बावजूद महिलाओं के प्रति अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन अधिनियम 2013 की व्याख्या भी की।
लेडी सिंघम के नाम से मशहूर जीबी रोड चौकी इंचार्ज एसआई किरण शेट्टी ने कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा महिलाओं के देह व्यापार यहीं होते हैं। लेकिन मैंने यहां से छह नाबालिगों को बचाया है। इसके साथ ही अभी तक दस लाख लड़कियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी दे चुकी हूं।
एसीपी प्रवीन कुमारी , एसआई किरण शेट्टी , यमुना विहार एसडीएम रेखा रानी शर्मा और प्रो शशि रानी उपस्थित रहीं।धन्यवाद ज्ञापन जग प्रवेश चंद्र अस्पताल की नोडल अधिकारी स्वयंप्रभा महाराणा ने को । इस कार्यशाला को सफ़ल बनाने के लिए भारी तादाद में नारीशक्ति भी उपस्थित रहीं।

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