नई दिल्ली ,दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली के महापौर के साथ दो महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट में पत्नी के रूप में पंजीकृत होन की जांच कराने और महापौर को हटाये जाने या उन पर उचित कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा प्रवक्ता ने पत्र में कहा है की दिल्ली के प्रथम नागरिक, महापौर श्री महेश कुमार खीची से संबंधित एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे ने मुझे आपको पत्र लिखने और महापौर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने के लिए मजबूर किया है।
महापौर श्री महेश कुमार खीची नेहरू नगर, करोल बाग के छोटे से मकान एफ-12 में रहते हैं, करोल बाग विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची के पार्ट 40 में दर्ज हैं। इस सूची में उनके साथ दो महिलाओं को उनकी पत्नी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
श्री कपूर ने कहा है की महापौर महेश कुमार, जो नेहरू नगर के एफ-12 निवासी हैं, उपर्युक्त मतदाता सूची के पार्ट 40 में मतदाता नंबर 280 पर सूचीबद्ध हैं, और उनके ठीक बाद उनकी पत्नी श्रीमती निधि, सीरियल नंबर 281 पर, ईपीआईसी नंबर RJNI365741 के साथ सूचीबद्ध हैं।
आश्चर्यजनक रूप से, उसी मकान एफ-12 नेहरू नगर में, उसी सूची पार्ट 40 में, मतदाता नंबर 285 पर एक और महिला ममता, ईपीआईसी नंबर 15915026 के साथ महापौर की पत्नी के रूप में पंजीकृत हैं।
श्री कपूर ने कहा है की मुझे व्यक्तिगत जानकारी नहीं है कि महापौर की कितनी पत्नियां हैं, लेकिन एक बात निश्चित है कि किसी व्यक्ति की दो पत्नियां सूचीबद्ध नहीं हो सकतीं।
उन्होनें कहा है की मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि इन दो महिलाओं को, जिनके दो अलग-अलग ईपीआईसी कार्ड हैं, महापौर श्री महेश कुमार खीची की पत्नी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
श्री कपूर ने कहा है की उम्मीद है कि महापौर से यह अपेक्षित नहीं है कि वह दो पत्नियां रखें, और ऐसे व्यक्ति को महापौर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यह अवैध है।
साथ ही श्री कपूर ने कहा है की यदि यह मामला एक ही महिला का दो अलग-अलग नामों के साथ मतदाता के रूप में पंजीकरण करने का है, तो वह भी गैरकानूनी है।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने कहा है की श्री महेश कुमार खीची एक निर्वाचित पार्षद हैं और यह दावा नहीं कर सकते कि उन्हें अपने ही घर में दो महिलाओं को मतदाता के रूप में पंजीकृत किए जाने की जानकारी नहीं है।
श्री कपूर ने उपराज्यपाल से मांग की है कि इस मामले की जांच का आदेश दें और महापौर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना पर विचार करें, जिसमें दो पत्नियां होने या उनकी पत्नी के दो मतदाता पंजीकरण का मामला शामिल है।
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