फरीदाबाद, 21 जून। हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा ने उद्योगपतियों तथा समाज के समर्थ लोगों का आह्वान किया कि वे स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को अपनाकर गरीब के घर में हर रोज दिवाली मनवाने का संकल्प लें, जिसके लिए सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। गरीबी उन्मूलन के साथ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करें।
विकास एवं पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा शनिवार को सूरजकुंड में आयोजित स्वयं सहायता समूहों की सीएक्सओ मीट को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में किया गया। सीएक्सओ मीट का शुभारंभ करते हुए श्री ढांडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसे हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत को पुन: विश्व गुरू बनाने के लिए देश की आधी आबादी (महिलाओं) को सशक्त बनाना होगा, जिसमें उद्योगपतियों का विशेष सहयोग अपेक्षित है। इसके लिए करोड़ों बहनों को लखपति दीदी बनाना है, जिसके लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से सफल प्रयास जारी है। प्रदेश में लगभग छह लाख बहनों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया है। अब सांझा बाजार स्थापित करके समूहों की बहनों को और अधिक अवसर प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी जिलों में पॉश इलाकों में समूहों की बहनों के लिए काउंटर दिलवाने की व्यवस्था की जाए।
पंचायत मंत्री ने कहा कि कोपरेटिव विभाग भी उनके पास है, जिसके माध्यम से किसानों की आय में वृद्घि के लिए प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि वे नगदी फसलों को लेकर किसानों के लिए एक पॉलिसी का निर्माण करवायेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि एनसीआर में दूध-दही-घी की अत्यधिक मांग है, जिसे पूरा करने लिए वीटा बूथों को स्थापित करवायेंगे। सब्जियों की मांग को पूरा करने के लिए भी किसानों के सहयोग से नीतिबद्घ तरीके से काम करेंगे। उन्होंने अपने हैचरी उद्योग का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए विभिन्न उदाहरणों से समझाने का प्रयास किया कि देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्रतिभाशाली युवाओं को सही प्लेटफार्म व अवसर प्रदान करने की जरूरत है। एक लाख रुपये से कम आय वाले लाखों परिवार है जिनमें रहने वाले युवाओं में हुनर की कोई कमी नहीं है। उनके हुनर को निखारने के लिए सरकार सहयोग देगी। जबकि पूर्व सरकारों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना के तहत विद्युत उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ायेंगे।
विकास एवं पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा ने मिट्टी के बर्तन बनाने वाली स्वयं सहायता समूहों की बहनों की कला की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी बहन पुन: पुरानी परंपरा की ओर लौटने का संदेश दे रही हैं, ताकि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहे। यदि हम मिट्टी के बर्तनों में भोजन करेंगे तो 95 प्रतिशत बिमारियों को घर से दूर रख सकते हैं। खान-पान में बदलाव कर घर की रसोई को बदल कर हम समूहों की बहनों को आर्थिक मजबूती देंगे और स्वयं को स्वस्थ रखेंगे। इससे उनके जीवन स्तर में परिवर्तन होगा जो कि उद्योगपतियों के सहयोग से संभव होगा। समूहों को आर्थिक संपन्नता की ओर आगे बढ़ाने में मदद प्रदान करें। उन्होंने कहा कि देश मजबूत बनाने के लिए पहले घर-परिवार को सुदृढ़ करना होगा, जिसके लिए आर्थिक रूप से ताकतवर बनाना जरूरी है। इसके लिए सरकार प्रयासरत है। युवाओं व महिलाओं को कौशल विकास देने के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने तो कौशल विकास के लिए पलवल में विश्वविद्यालय की स्थापना की है।
इस दौरान कौशल विकास भारत सरकार के निदेशक एसके तिवारी तथा हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की सीईओ डा. अमरिंदर कौर ने अपने संबोधन में विस्तृत रूप में स्वयं सहायता समूहों तथा युवाओं के कौशल विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की महत्वपूर्ण जानकारी दी। सीएक्सओ मीट के दूसरे सत्र में विस्तार से कौशल विकास पर चर्चा की गई। साथ में स्वयं सहायता समूहों को आगे बढ़ाने पर मंथन किया गया। इस मौके पर जिला परिषद के सीईओ सतबीर सिंह मान, शिवम तिवारी आदि अधिकारी व उद्योगपति तथा गणमान्य व्यक्ति और स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं मौजूद थी। इस अवसर पर कौशल प्रशिक्षण लेकर नौकरी हासिल करने वाले युवाओं सहित इस दिशा में बेहतरीन योगदान देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।
विकास एवं पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थापित स्टालों का किया अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान श्री ढांडा ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थापित विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उद्घाटन समारोह में विकास एवं पंचायत मंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को संबोधित करते हुए उनके योगदान की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और उनके इस प्रयास से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समुदाय को लाभ हो रहा है। श्री ढांडा ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया और सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जो महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक उन्नति के लिए चलाई जा रही हैं।
इस अवसर पर जिला परिषद के सीईओ श्री सतबीर मान भी उपस्थित थे। उन्होंने महिलाओं की उपलब्धियों की प्रशंसा की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन दिया। श्री मान ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को एक मजबूत मंच मिला है जहाँ वे अपने उत्पादों को बाजार में प्रदर्शित कर सकती हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।कार्यक्रम में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जिसमें हस्तशिल्प, घरेलू सामान, जैविक उत्पाद और अन्य वस्तुएं शामिल थीं। इन स्टालों पर स्थानीय और पारंपरिक वस्तुओं की विविधता देखने को मिली, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि वे अपने सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित कर रही हैं।सीएक्सओ मीट में महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए और व्यवसाय में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। इस प्रकार के आयोजन न केवल महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं बल्कि उन्हें एकजुट होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं।
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