ब्रिटिश काल के कानूनों को हटाना मोदी सरकार का बेहतरीन कदम: बिप्लब कुमार देब

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नई दिल्ली, 21 दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा हरियाणा के प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य विधेयक के समर्थन में राज्यसभा में अपना संबोधन रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा ब्रिटिश काल के कानूनों को हटाकर गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की दिशा में बेहतर कदम उठाया है जो मील का पत्थर साबित होगा। श्री बिप्लब कुमार देब गुरुवार को राज्यसभा में तीनों बिलों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। बिप्लब कुमार देब ने तीनों बिलों को संवेदनशील, पारदर्शी, समय की ज़रूरतों और संविधान की मूल आत्मा के अनुरूप लाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ये बिल आम जनता और गरीब के लिए लाया गया है इसलिए यह जनता का बिल है।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान बिप्लब कुमार देब ने विपक्ष के नदारद होने पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग माउंटबेटन की पार्टी में बैठने वाले लोग हैं, इसलिए उन्हें ब्रिटिश द्वारा लिखा गया कानून ही पसंद है। श्री देब ने कहा कि भारत में कास्टमरी लॉ है, एक गांव के लोग बनाते हैं तो दूसरे गांव के लोग उसे पसंद नहीं करते। आज भी जनजातियों में कास्टमरी कानून व्यवस्था है।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि ये कानून 150 साल पहले ब्रिटेन में जन्में व्यक्तियों द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि आजाद भारत में जन्में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा तीनों कानूनों को नए और सरल तरीके से खासकर भारतीय ढंग से बनाया गया है। श्री देब ने कहा कि इन कानूनों को लाने में काफी देर कर दी गई। ये कानून भाजपा सरकार से पहले ही लाए जा सकते थे। देश आजाद होने के बाद भी सत्ता में बैठे लोगों ने ब्रिटेन के लोगों द्वारा बनाए कानून को पसंद किया यह लज्जाजनक है।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि भाजपा सरकार रोटी, कपड़ा और मकान की बात करती है। आम आदमी की जीवन शैली की बात करती है। इस नए कानून में गरीब और आम आदमी की सुविधा का ध्यान रखा गया है। जनता इसको सही तरीके से समझ सके इसकी व्यवस्था की गई है, यह बहुत ही बड़ी बात है। मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इन कानूनों में गरीब व्यक्ति को ध्यान में रखा गया है।
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि स्टैंडिंग कमेटी का मैंबर होने के नाते देखा गया कि किस तरीके से इन बिलों को लाने में दूसरी सरकारों द्वारा देरी की गई। विपक्ष की सरकारें सदा इन बिलों को पेंडिंग ही रखना चाहती थी, क्योंकि इन लोगों को अंग्रेजों द्वारा बनाई गई चीज ही पसंद रही है। विपक्षी आज इसलिए विरोध कर रहे हैं कि उनको प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा लाया गया कानून अच्छा नहीं लगता, इसलिए ये लोग विरोध कर रहे हैं।
खान-पान के संबंध में लाए गए बिल पर चर्चा करते हुए श्री देब ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में भारत से रॉ मैटेरियल ले जाकर इंग्लैंड में मैन्यूफैक्चर किया जाता था और तैयार माल भारत में बेचा था। अंग्रेजी सरकार को भारत के लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं थी इसलिए उन्होंने कानून को सही ढंग से नहीं बनाया। मिलावटखौरों को मात्र 5 हजार रुपये जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान था। लेकिन अब मोदी सरकार ने जुर्माना बढ़ाकर 25 हजार कर दिया और कम से कम सजा 6 महीने की रखी। हालांकि यह सजा जजों द्वारा बढ़ाई भी जा सकती है यह भी प्रावधान किया गया है। श्री देब ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों बिलों पर गर्व करते हुए कहा कि ये बिल भारत की आम जनता का बिल है।

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