अयोध्या में राम मंदिर नए भारत का प्रतीक : राजनाथ सिंह

Estimated read time 0 min read

बलबीर पुंज की पुस्तक ट्रिस्ट विद अयोध्या: डिकोलोनाईजेशन ऑफ इंडिया का किया विमोचन

नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय में डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) की ओर से मकर सक्रांति व लोहड़ी मिलन समारोह के अवसर पर प्रबुद्ध पत्रकार बलबीर पुंज की पुस्तक ट्रिस्ट विद अयोध्या: डिकोलोनाईजेशन ऑफ इंडिया का विमोचन किया गया। एनडीटीएफ ने इस अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम विषय पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया । इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भारत सरकार के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नए भारत का प्रतीक है। रक्षा मंत्री ने कहा कि बलबीर पुंज की पुस्तक तुष्टीकरण की राजनीति की पोल खोलती है। उन्होंने कहा कि श्री राम को अपने जन्म स्थान पर पहुंचने में पांच सौ साल का समय लग गया । राजनाथ सिंह ने कहा कि श्रीराम भारत की चेतना है और अयोध्या सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन रही है। उन्होंने कहा कि रामराज्य का मतलब लोकमंगल की स्थापना करना और आतंक का अंत कर समतामूलक समाज की स्थापना करना है। श्रीराम युग पुरुष हैं ,संस्कार पुरुष और मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वे आदिवासी और स्त्री सम्मान के प्रतीक हैं। श्रीराम किसी विचारधारा से नहीं बंधे बल्कि वो सभी क्षेत्रों में आदर्श प्रस्तुत करते हैं। भगवान श्रीराम ने बिना किसी का हड़पे सभी को फलने फूलने का अवसर दिया । राम पर सवाल उठाने वाले आज हाशिये पर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते राम मंदिर को मुद्दा बनाया गया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत के पुनर्जागरण का समय है। आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक अभी क्षेत्रों में पुनर्जागरण हो रहा है। भारत विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्य अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने कहा कि 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों के साथ साथ अन्य क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को भी अयोध्या में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के मार्गदर्शन का दायित्व हिंदुओं का है। उन्होंने कहा कि श्री राम समरसता के प्रतीक है जो किसी मनुष्य को छोटा बड़ा नही मानते। राम राज में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और गरिमा का प्रतिष्ठा होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.योगेश सिंह ने इस अवसर पर कहा कि श्रीराम भारत के प्राण है। वह त्याग की मूर्ति है जिन्होंने राजतिलक के अवसर पर सारा राजपाट त्याग दिया था। वे सदाचार, शील और दया के प्रतीक पुरुष हैं।

पुस्तक के लेखक श्री बलबीर पुंज ने कहा कि भारत के मानस से यदि श्रीराम को निकाल दिया जाए तो भारत अफगानिस्तान बन जायेगा। उनके लिए मनुष्यता सर्वोपरि है। कार्यक्रम के आरंभ में एन डी टी एफ के अध्यक्ष प्रो.अजय कुमार भागी ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया और आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण को ऐतिहासिक महत्व का विषय बताया। उन्होंने अपने संबोधन में राम की स्वीकार्यता और उनकी भारत के संस्कृति में उपलब्धता से अवगत कराया। आयोजन में कितबवाले प्रकाशन के प्रबंध निदेशक प्रशांत जैन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो वी एस नेगी ने किया।

0Shares

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours