एनडीटीएफ ने प्रोफेसर वी.एस नेगी को डूटा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया

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नई दिल्ली ( सुधीर सलूजा/ सानिध्य टाइम्स) एनडीटीएफ शिक्षक संगठन ने दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के आगामी 4 सितम्बर को होने वाले दो वर्ष –2025 –2027 के लिए चुनाव में मंगलवार को किरोड़ीमल कॉलेज के सभागार में संगठन के एग्जिक्यूटिव मेम्बर्स , जोनल मेम्बर्स व विभिन्न कॉलेजों के यूनिट मेम्बर्स के सामने डूटा में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार व कार्यकारिणी के लिए छह सदस्यों के नामों की घोषणा की गई । डूटा व एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की । डूटा में अध्यक्ष के लिए प्रोफेसर वी.एस .नेगी को अपना उम्मीदवार बनाया है । प्रोफेसर नेगी शहीद भगतसिंह कॉलेज ( सांध्य ) में भूगोल विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक हैं । इसके अलावा डूटा में एग्जिक्यूटिव पदों के लिए — डॉ आकांक्षा खुराना ,असिस्टेंट प्रोफेसर वाणिज्य विभाग, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स , डॉ. अमित सिंह , असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विभाग, श्याम लाल कॉलेज ( सांध्य ) डॉ. देवेन्द्र कुमार राणा , असिस्टेंट प्रोफेसर भौतिकी विभाग, आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज , श्री मनीष कुमार , असिस्टेंट प्रोफेसर राजनीति विज्ञान विभाग, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज , डॉ. साक्षी यादव असिस्टेंट प्रोफेसर , हिंदी विभाग, हिंदू कॉलेज व डॉ. संजय कुमार ,प्रोफ़ेसर राजनीति विज्ञान विभाग, ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज ( सांध्य) को मैदान में उतारा है ।


डूटा चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा के पश्चात डूटा व एनडीटीएफ अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है जब शिक्षकों के लिए नए वेतन आयोग और सेवा शर्तों की घोषणा होनी है। शिक्षकों ने एनडीटीएफ के नेतृत्व वाले डूटा के अथक प्रयासों के परिणाम और लाभ देखे हैं। सीएएस के तहत पदोन्नति योजना को युक्तिसंगत बनाया गया है; कॉलेजों में प्रोफेसरशिप और विश्वविद्यालय विभागों में वरिष्ठ प्रोफेसरशिप तक उपलब्ध सभी स्तरों पर 20,000 से अधिक पदोन्नतियाँ प्राप्त हुई हैं। शिक्षक हितैषी यूजीसी विनियम 2018 और उसमें संशोधन करके यूजीसी विनियम में ढील की तिथि को 31 दिसंबर 2024 तक और ओसी और आरसी से छूट को 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ाया गया है। 13 वर्षों से अधिक समय से रुकी हुई चयन प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया और अब तक लगभग 5,000 सहायक प्रोफेसरों को नियमित किया जा चुका है।


प्रोफेसर भागी ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों व सेंट स्टीफंस कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज (सांध्य) और गार्गी, राजधानी, मैत्रेयी, कालिंदी आदि में शेष बचे विभागों में पदों को नियमित करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में अब नियमितीकरण किया जाना है। यह तदर्थ आधार पर काम कर रहे उन साथियों के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्हें तदर्थवाद का बोझ उठाना पड़ रहा था। एनडीटीएफ के नेतृत्व वाले डूटा के ठोस और केंद्रित प्रयासों के परिणामस्वरूप विभिन्न मामलों में विस्थापित शिक्षकों को नियुक्तियाँ मिली हैं और जो अभी भी संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही न्याय मिलने की उम्मीद है। 2010 के नियमों में शून्य हो गई पिछली सेवा संख्या को 2018 के नियमों के माध्यम से बहाल कर दिया गया है। अब एनडीटीएफ द्वारा पूर्ण तदर्थ/अस्थायी अनुभव और अन्य शैक्षणिक/शोध अनुभव को पदोन्नति में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।


एनडीटीएफ अपनी उपलब्धियों पर शिक्षकों से वोट की अपील करेगा। उनके अनुसार अभी तक लगभग 5000 शिक्षकों का नियमितीकरण और विश्वविद्यालय में तदर्थवाद का अंत किया गया । लगभग 22000 यूनिट प्रमोशन की गई । साथ ही 2700 से अधिक आरक्षित श्रेणी के शिक्षकों (एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूबीडी) का नियमितीकरण और नियुक्ति कर डीयू और उसके कॉलेजों में एक अभूतपूर्व सामाजिक न्याय का मॉडल दिया है । इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों और कला महाविद्यालयों की डीयू से संबद्धता समाप्त होने से रोकने में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । इतना ही नहीं तदर्थ आधार पर कार्यरत महिला सहकर्मियों के लिए मातृत्व अवकाश की व्यवस्था कराई गई । वार्ड कोटा सीटों में वृद्धि, पीजी पाठ्यक्रमों में वार्ड कोटा को शामिल करना और इसे तदर्थ सहकर्मियों तक विस्तारित करना। कॉलेजों में प्रोफेसर और विश्वविद्यालय विभाग में वरिष्ठ प्रोफेसर तक सभी के लिए आसान पदोन्नति प्रक्रिया शुरु की । यूजीसी द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों में पेंशन और पदोन्नति मामलों के बकाया का भुगतान समय पर कराया गया । एनडीटीएफ ने शिक्षा मंत्रालय, यूजीसी, दिल्ली सरकार और डीयू अधिकारियों के साथ समाधान के लिए बातचीत शुरू कर दी है। एनडीटीएफ ने केवल संक्षेप में इनका उल्लेख किया है।


एनडीटीएफ के डूटा में उम्मीदवार प्रोफेसर वी.एस. नेगी ने शिक्षकों को संबोधित किया और कहा कि दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में पूर्ण निधि और नियमितीकरण के मुद्दे का समाधान जल्द ही करेंगे । पदोन्नति के लिए तदर्थ/अस्थायी और समान सेवाओं सहित पिछली पूरी सेवा की गणना करना हमारी पहली प्राथमिकता है । एनईपी कार्यान्वयन के अंतर्गत यूजीसीएफ के चौथे वर्ष के लिए सीटों और अनुदानों का आवंटन कराना , यूजीसीएफ संरचना की समीक्षा और मुख्य विषयों के लिए क्रेडिट में वृद्धि , क्रेडिट-आधारित शिक्षा के लिए स्वयं और मूक जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग न करें । डीयू में एनएफएस संस्कृति का निषेध। ईडब्ल्यूएस विस्तार और चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम के अंतर्गत अतिरिक्त शिक्षण पदों की स्वीकृति दिलाने के लिए शिक्षा मंत्रालय से बातचीत की । उन्होंने आगे कहा कि दिव्यांगजन शिक्षकों की समस्याओं का समाधान कराना , सभी शिक्षकों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की व्यवस्था , आरक्षित श्रेणियों में सभी बैकलॉग और रिक्तियों को तत्काल भरने के लिए रोस्टर तैयार करना ।


इन पर करेंगे काम — प्रोफेसर भागी ने कहा कि जो कार्य रह गए हैं उन पर काम किया जाएगा । उन्होंने बताया कि यूजीसी विनियमन 2018 के लागू होने पर या उससे पहले तीन या अधिक वर्षों का अनुभव प्राप्त करने वाले एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत करने के लिए एक बार की छूट , सेवानिवृत्ति आयु के लिए पुस्तकालयाध्यक्षों की शिक्षकों के साथ समानता , 1991 से पहले नियुक्त शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु के लिए अन्य विषयों के शिक्षकों के समान समानता दिलाना , ओएमएसपी और अन्य प्रशिक्षकों की पदोन्नति योजना , प्राचार्य पदों पर आरक्षण नीतियों का कार्यान्वयन व पदों का विज्ञापन जारी कराना । इसके अतिरिक्त डीयू में डॉ. भीम राव अंबेडकर पीठ की स्थापना कराना , शुल्क वृद्धि, एचईएफए ऋण, क्रमिक स्वायत्तता और सरकार द्वारा पूर्ण वित्त पोषण का निषेध , लेवल 10 से 11 और लेवल 11 से 12 तक पदोन्नति पर काल्पनिक वेतन वृद्धि , चरणबद्ध सेमेस्टर की समाप्ति और प्रवेश नीति की समीक्षा , सेमेस्टर अवकाश को शिक्षकों के लिए अवकाश माना जाए , श्याम लाल कॉलेज (सांध्यकालीन) और सेंट स्टीफंस कॉलेज में नियमितीकरण प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए । सेंट स्टीफंस कॉलेज में लंबित पदोन्नति के मामलों में शीघ्रता से कार्रवाई की जाए, गलत वेतन निर्धारण के मामलों में वसूली में छूट , आठवें वेतन समीक्षा आयोग का गठन , नवनियुक्त कॉलेज शिक्षकों की वरिष्ठता की समीक्षा करना , स्व-वित्तपोषित बीबीई और कंप्यूटर साइंस ऑनर्स पाठ्यक्रमों को नियमित अनुदान के अंतर्गत लाना , गलत वेतन निर्धारण के मामलों में वसूली में छूट , बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ, अनुसंधान अनुदान, बुनियादी ढाँचा, आवास, एचबीए आदि है । सभी कॉलेज शिक्षकों को डब्ल्यूयूएसएस स्वास्थ्य सुविधा मिले आदि भी कार्य करेंगकॉले विश्वविद्यालय में स्वच्छ वातावरण देने का वायदा करते हैं ।

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