दिल्ली, 11 दिसंबर। राज्यसभा सांसद, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री व हरियाणा बीजेपी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने कहा कि आज का दिन कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को अहसास करने का दिन है। ये बातें श्री देब ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर अपने विचार रखते हुए व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिनकी आवाज 70 वर्ष में नहीं सुनी गई, आज उन सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस बिल के माध्यम से आवाज दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के पारित होने से जम्मू-कश्मीर सुशासन, विकास और समृद्धि के नए मापदंड स्थापित करेगा।
जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 का समर्थन के बाद उन्होंने निर्मम तरीके से जम्मू कश्मीर में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। श्री देब ने कहा कि दुनिया में बहुत से लोग विस्थापित होते है, लेकिन किस तरह से अपने ही देश में भारतियों को मारा गया और उनको विस्थापित होने पर मजबूर किया गया उनके दर्द को सभी लोगों को अहसास करना चाहिए।
बिप्लब देब ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सदन के माध्यम से जम्मू कश्मीर से धारा-370 को समाप्त किया गया। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार के निर्णयों पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर देश का मुकुट है। दहशतगर्दों और उनका साथ देने वाले लोगों ने संविधान की अस्मिता और सनातन को खत्म करने का प्रयास किया था। 70 वर्षों से न्याय का इंतजार कर रहे कश्मीरियों को मोदी सरकार ने न्याय देने का काम किया है।
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