नई दिल्ली, ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मन की बात’ कोटि-कोटि भारतीयों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 विजयदशमी पर्व के दिन हमने ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की। मन की बात बुराई पर अच्छाई का पर्व बना जो हर महीने मनाया गया। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़।
‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया। जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। ‘मन की बात’ मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने के जैसा ही रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मार्गदर्शक लक्ष्मणराव जी का जिक्र करते हुए कहा कि हमें दूसरों के गुणों की पूजा करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री था तो वहां सामान्य जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था। लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत अलग है। शुरूआती दिनों में कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली महसूस करता था। ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया।
मेरे लिए ‘मन की बात’ ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। ‘मन की बात’ स्व से समिष्टि की यात्रा है। ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है। ‘मन की बात’ मेरे लिए आस्था, पूजा, व्रत और सकारात्मकता का पर्व बन गया है।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत मैंने हरियाणा(पानीपत) से ही की थी। ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने अपने एपिसोड में इसका जिक्र किया। जल्द ही यह ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान वैश्विक हो गया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनील जागलान से बात की। सुनील जागलान ने अपनी बेटियों नंदनी और याशिका के बारे में जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने ‘मेक इन इंडिया’ के अनेक उदाहरणों से लेकर ‘स्पेस स्टार्टअप’ तक की चर्चा ‘मन की बात’ में की है।’मन की बात’ की एक और विशेषता रही है। इसके जरिए ना जाने कितने ही जन-आंदोलन ने जन्म भी लिया है और गति भी पकड़ी है जैसे हमारे खिलौने। हमारे खिलौने की इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने का मिशन भी तो मन की बात से ही शुरू हुआ था। हमारे देश के स्वान को लेकर भी जागरूकता बढ़ाने की भी शुरूआत हुई।
आज देश में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ रखना बहुत जरूरी है। ये पर्यटन इंडस्ट्री की बहुत मदद करेगा। पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने अतुल्य भारत आंदोलन की भी कई बार चर्चा की है। इस आंदोलन से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारें में पता चला जो उनके आस-पास ही थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बात शिक्षा की हो या संस्कृति की, उसके संरक्षण की हो या संवर्धन की, भारत की यह प्राचीन परंपरा रही है। इस दिशा में आज देश जो काम कर रहा है, वो वाकई बहुत सराहनीय है। NEP हो या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प हो, शिक्षा में तकनीक एकीकरण हो, आपको ऐसे अनेक प्रयास देखने को मिलेंगे।
मेरा अटूट विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से बड़े से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। इस साल हम जहां आजादी के अमृतकाल में आगे बढ़ रे हैं, वहीं G20 की अध्यक्षता भी कर रहे हैं। यह भी एक वजह है कि शिक्षा के साथ-साथ को विविध वैश्विक संस्कृति भी समृद्ध करने के लिए हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।
‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू कश्मीर से मंजूर अहमद जिन्होंने पेंसिल स्लेट के काम को पहचान दिलाने का काम किया, बेतिया के प्रमोद जी, मणिपुर से विजय शांति जी जिन्होंने वोकल फॉर लोकल को वोकल फॉर ग्लोबल तक पहुंचाया व प्रदीप सांगवान जी जुड़े । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 100 एपिसोड की यात्रा में सफाई का संदेश , दिव्यांगों पर बात ,सड़क सुरक्षा का जिक्र, पर्यावरण, परीक्षा पर चर्चा, कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि ,खिलाड़ियों की बात ,खादी के प्रति प्रेम ,आजादी का अमृत महोत्सव, जल संरक्षण, मेक इन इंडिया ,वोकल फॉर लोकल ,आत्मनिर्भर भारत, खिलौने, देसी कुत्तों की बात, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, गरीब दुकानदारों से मोल भाव न करना, हर घर तिरंगा, हिमालय से कचरा उठाना, पर्यटन, देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा का कनाडा से वापसी का जिक्र, सिंगल यूज प्लास्टिक, स्वच्छ सियाचिन, गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले, प्रेरणादायक कहानियों की बात करने वालों का जिक्र, रंगोली, खिलाड़ियों की बात ,चंपारण सत्याग्रह का जिक्र, आयुष्मान भारत योजना का जिक्र, गुरु नानक देव जी के 551वें प्रकाश पर्व का जिक्र, डिजिटल पेमेंट का जिक्र, वैज्ञानिक सीवी रमन को याद , गरीबी हटाओ अभियान का जिक्र, नीरज चोपड़ा, मिताली राज का जिक्र, आपातकाल के बारे में चर्चा, इन्क्रेडिबल इंडिया का जिक्र किया है।
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