नई दिल्ली, आईआईटी में एडमिशन के लिए रविवार को जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा दो पारियों में आयोजित हुई । पहली पारी सुबह 9:00 से 12:00 तक और दूसरी पारी 2:30 बजे से 5:30 तक थी । कई केंद्रों पर तकनीकी खामियों के कारण भारी अव्यवस्था देखने को मिली।
दिल्ली के आर के डिजिटल कंप्यूटर सेंटर शक्तिनगर में एक छात्र ने बताया कि पहले सत्र में मेरी कंप्यूटर स्क्रीन लगातार टिमटिमा रही थी और स्क्रीन की चमक बहुत कम थी, जिससे मुझे प्रश्न पढ़ने में कठिनाई हो रही थी। परीक्षा शुरू होने से बीस मिनट पहले दो बार निरीक्षकों को सूचित करने के बावजूद मेरा कीमती समय बर्बाद हुआ। समस्या का समाधान नहीं किया गया (पूरे 3 घंटे कंप्यूटर नहीं बदला गया)। स्थिति इतनी जटिल थी कि मेरी चिंता का स्तर बहुत बढ़ गया और मैं कई प्रश्नों का प्रयास नहीं कर सका। प्रश्नों को पढ़ना और स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित करना बहुत कठिन था। दो प्रश्न जिनके उत्तर लेखन पैड पर मैंने ठीक से किए परंतु स्क्रीन खराब होने की वजह से गलत क्लिक हो गए । मुझे दूसरे पेपर में भी समस्याओं का सामना करना पड़ा क्योंकि परीक्षा के दौरान मेरे मॉनिटर पर एक छिपकली आ गई थी। निरीक्षकों ने छिपकली को हटाने का प्रयास किया लेकिन मेरा समय बर्बाद हो गया। अधिकारी सीसीटीवी फुटेज में इसकी जांच कर सकते हैं। छिपकली की घटना बहुत दुखद थी, खासकर तब जब मुझे कीड़ों और सरीसृपों से डर लगता है। मैंने इस परीक्षा के लिए दिन-रात पढ़ाई की और अपनी तैयारी के आधार पर बहुत अच्छी रैंक पाने की उम्मीद की। मैं शुरू से ही एक मेधावी छात्र रहा हूँ और 12वीं में 97 प्रतिशत और JEE मेन्स में 99.95 प्रतिशत हासिल की। मैं इन मुद्दों से बेहद परेशान हो गया और अपनी क्षमताओं और तैयारियों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सका। मुझे यकीन है कि मेरे परिणाम पर इसका बुरा असर पड़ेगा। मैं उन सवालों का प्रयास नहीं कर सका जो मुझे बहुत अच्छी तरह से पता थे। मैं अधिकारियों से उचित कार्रवाई करने और मेरी शिकायत पर तुरंत प्रभाव से विचार करने का अनुरोध करता हूं। कृपया मामले को देखें और आवश्यक कार्रवाई करें। कृपया समझें कि मुझे बहुत बड़ा नुकसान हुआ है जिसकी भरपाई की जानी चाहिए। कृपया इस मामले की जांच करें और मुझे कुछ राहत प्रदान करें।
एक अन्य अभिभावक ने कहा, “इस तरह के कुप्रबंधन का छात्र के प्रदर्शन और मनोबल पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।” उन्होंने कहा, “हम मांग कर रहे हैं कि आईआईटी कानपुर इस विशेष केंद्र पर प्रभावित छात्रों को अनुग्रह अंक देने या राहत प्रदान करने पर विचार करे।”
वहीं, परीक्षा केंद्र के बाहर मौजूद सैकड़ों अभिभावकों ने बताया कि न तो उनके बैठने की व्यवस्था की गई थी और न ही छाया या पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध थीं। तेज धूप में कई अभिभावकों की तबीयत बिगड़ने की स्थिति बन गई ।
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