भारत आर्थिक शक्ति के साथ-साथ आध्यात्मिक शक्ति भी बना- ज्योतिरादित्य सिंधिया

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पानीपत 14 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पटल पर भारत को आर्थिक शक्ति के साथ-साथ आध्यात्मिक शक्ति के रूप में भी प्रस्तुत किया है। जिससे भारत की साख विश्व मानचित्र पटल पर बढ़ी है। हम सब को चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को साकार करने के लिए एकजुटता के साथ अपना योगदान दें। यह बात केंद्रीय इस्पात एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को पानीपत के ऐतिहासिक स्थल काला आंब पर आयोजित शौर्य दिवस कार्यक्रम के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए वसुधैव कुटुंबकम के नाते पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया है। विविधता में अनेकता होते हुए भी एकता का काम किया है। यही कारण है कि आज पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता को सराहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब की अपने वीरों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री की सोच को और उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाएं। प्रधानमंत्री के राष्ट्र के प्रति लिए गए संकल्प को साकार करने में उनका सहयोग करें। सिंधिया ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वे एक ऐसे वीर परिवार से हैं जिन्होंने इस राष्ट्र के लिए अपनी शहादत दी। उन्होंने कहा कि पानीपत की लड़ाई में उनके 16 वंशजों ने अपना योगदान दिया।
उनके पूर्वज महाराज जी सिंधे ने हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करते हुए 1771 से लेकर 1803 तक लाल किले पर भगवा फहराकर राज किया और उन्होंने जाट, गुर्जर, आदिवासी, राजपूत व अन्य समाजों को मिलाकर फौज ए हिंद की स्थापना की। वह विदेशी ताकतों से कभी नहीं डरे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पानीपत वीरों की भूमि रही है और पानीपत के लोग उनके लिए परिवार के सम्मान हैं। उनका पानीपत के साथ एक भावनात्मक और अटूट रिश्ता है।
करनाल लोकसभा सांसद संजय भाटिया ने कहा कि वीर मराठों ने देश की अखंडता के लिए हजारों किलोमीटर दूर आकर यहां लड़ाई लड़ी। हमें ऐसे इतिहास से सीख लेनी होगी और अपने वीरों का सम्मान करना होगा। मराठों का यहां आना उन लोगों के लिए तमाचा था जो कहते थे कि यहां अलग-अलग रियासतें रही हैं और राज करती हैं। लेकिन मराठा इतनी दूर से यहां आए तो यह हम सबके लिए विवेचना का समय है कि तब पूरा भारतवर्ष एक था और सबके लिए राष्ट्र प्रेम सर्वप्रथम था। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए शौर्य स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रदीप पाटिल की भी खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि इन्होंने आने वाली पीढिय़ों के लिए जो बीड़ा उठाया है, जो अलख जगाई है वह सब के लिए प्रेरक है।
इंडियन ऑयल फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय मिश्रा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि रिफाइनरी की ओर से यहां भव्य स्मारक बनाने के लिए 20 करोड रुपए स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें एक सभागार के साथ-साथ, एक ओपन थिएटर, डिजिटल म्यूजियम और एक कैफेटेरिया बनाया जाएगा ताकि हर रोज पर्यटक यहां आकर अपने इतिहास की जानकारी ले सकें।
शौर्य स्मारक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप पाटिल ने समिति की ओर से सभी का स्वागत किया और कहा कि शौर्य स्मारक समिति हर साल अपने वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां कार्यक्रम आयोजित करती है।केंद्रीय इस्पात एवं नागरिक उद्यान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्मारक परिसर पहुंचते ही, वहां पर स्थित स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया और वीरों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपक जलाकर और वीर शिवाजी महाराज एवं उनकी माता जीजाबाई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार, पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा, पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज, भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉक्टर अर्चना गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट और अन्य गणमान्य लोगों को सिंधी पगड़ी व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कोल्हापुर से आए विभिन्न कलाकारों ने अपनी युद्ध कलाकारी का परिचय देते हुए कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पर्यावरण विशेषज्ञ पंजाव राव डग और बॉक्सर मनोज कुमार को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर एडीसी वीना हुड्डा,नगराधीश राजेश कुमार सोनी, इंडियन ऑयल रिफाइनरी पानीपत के कार्यकारी निदेशक एमएल डाहरिया भी उपस्थित रहे।

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