
कुरुक्षेत्र, धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र के गीता ज्ञान संस्थानम में अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित दिल्ली एनसीआर स्कूलों तथा गुरुकुल के छात्रों की रामलीला के तीसरे दिन अहिल्या उद्धार, सीता जी का सखियों संग गौरी पूजन, धनुर्भंग, लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला का अवकोलन करने हरियाणा के महामहिम राज्यपाल श्री बन्डारू दत्तात्रेय जी, जीओ गीता फाउंडेशन के संस्थापक स्वामी ज्ञानानंद जी, जयराम आश्रम और शैक्षिक संस्थानों के अधिष्ठाता ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरूप, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा तथा बडी संख्या में रामभक्त उपस्थित थे।
महामहिम राज्यपाल तथा सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश टंडन ने अपनी बाल युवा संस्कार योजना की जानकारी देते हुए इस आयोजन को अपने अभियान का महत्वपूर्ण अंग बताया।
महामहिम राज्यपाल श्री बन्डारू दत्तात्रेय ने बाल कलाकारों को आशीर्वाद देते हुए रामायण को जीवन जीने की कला बताया। हरियाणा सरकार के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल महोदय ने हरियाणा के सभी स्कूलों में छात्रों की रामलीला की चर्चा करते हुए बताया कि इससे छात्रों की भाषा समृद्ध हो रही हैं वहीं संस्कार प्रबल हो रहे है जो जीवन को बेहतर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। श्री दत्तात्रेय ने अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश टंडन और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया।
पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी तथा ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरूप जी ने राम कथा को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताते हुए सभी से अपने किशोर बच्चों को इससे परिचित कराने और इसके संस्कार प्रदान करने की अपील की !
रामलीला संयोजक डॉ. वंदना टंडन ने चौथे दिन ऐतिहासिक ब्रह्मसरोवर से भव्य राम बारात निकालने की जानकारी देते हुए सभी को इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया।
समिति के महामंत्री एडवोकेट अनिल शर्मा के अनुसार तीसरे दिवस की रामलीला को देखने वालो में कुरुक्षेत्र के एडीसी श्री अखिल पिलानी, विद्याभारती के उत्तरक्षेत्र सगठनमत्री श्री बाल किशन, सह संगठन मंत्री श्री विजय नड्डा, संघ के सह प्रांत कार्यवाह डॉ. प्रीतम, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव शर्मा, रोटरी क्लब के डिस्ट्रिक गर्वनर श्री अरुण मोंगिया, विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद श्री भारत भूषण भारदाज सहित अनेक विभूतियां शामिल थी!
ज्ञातव्य है 24 अक्टूबर विजयदशमी को रावण वध तत्पश्चात राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने पर उत्सव मनाने और राजतिलक तक की भव्य रामलीला का मंचन होगा।
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