ग्रन्थ से ज्ञान, संत से सद्बुद्धि और पंथ से पथदर्शन करें प्राप्त: महातपस्वी महाश्रमण

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नई दिल्ली, अणुव्रत अनुशासता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने 9 नवंबर 2014 को दिल्ली लाल किले से नैतिकता , सद्धभावना और नशा मुक्ति के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया। भारत सहित 3 राष्ट्र एवं 22 राज्यों मे लगभग 52000 किलोमीटर पद विहार करते हुए अहिंसा यात्रा के साथ दिल्ली पधारे हैं । लाखों लोगों को सद्भभावना ,नैतिकता का संदेश देकर आचार्य श्री महाश्रमण के दिल्ली पधारने पर अध्यात्म साधना केंद्र छतरपुर दिल्ली में एक भव्य अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया l

इस अवसर पर डॉ. कमलचंद सेठिया, आयोजन समिति, मीडिया कन्वीनर ने बताया आचार्य श्री महाश्रमण ने अपने संदेश में कहा कि नैतिकता और सदभावना के भाव यदि जन-जन में हो तो देश और राज्य विकास के सोपान का आरोहण कर सकता है, नशा मुक्ति से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव है| इस अवसर पर उपस्थित लोकसभा सांसद श्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि आचार्य प्रवर की अहिंसा यात्रा देश के विकास हेतु की गई एक सार्थक प्रयास है | हम तहे दिल से इसका समर्थन करते हैं और दिल्ली में आचार्य प्रवर का स्वागत एवं अभिनंदन करते हैं| उनके प्रवास से यह भावना और अधिक प्रसारित होगी |

दक्षिण दिल्ली के मेयर सूर्या ने अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य महाश्रमण के श्रम की सराहना करते हुए उनके मिशन की पूर्ण सफलता की कामना की ।
इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा समारोह समिति दिल्ली के संयोजक श्री महेंद्र नाहटा ने आचार्य श्री महाश्रमण के दिल्ली प्रवास को ऐतिहासिक बनाने हेतु सभी का सहयोग और सहभागिता का आह्वान किया । समिति की ओर से बोलते हुए श्री के.एल. जैन पटावरी ने कहा कि 2014 में जिस उद्देश्य से अहिंसा यात्रा का भव्य रूप में शुभारंभ हुआ , अहिंसा यात्रा उसी रूप में पूरे उत्साह के साथ अपने उद्देश्यों के प्रति गतिशील रही यह अत्यंत सात्विक गौरव का विषय है श्री संपत जी नाहटा एवं डॉ कमल सेठिया एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे
ज्ञानशाला के बच्चों ने भक्तांबर स्त्रोत की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी सभी ने सराहा । दिल्ली की ओर से मुनि श्री नमन और मुनि पारस ने भी प्रस्तुति दी । पूरे समाज ने गीत के माध्यम से अभ्यर्थना की |

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