बारह कॉलेजों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू जाए
नई दिल्ली , दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने एक बार फिर से दिल्ली की मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वेतन के लिए चौथी तिमाही का अनुदान जारी करने की मांग करते हुए पत्र लिखा है। गौरतलब है कि पिछले कई साल से डूटा दिल्ली सरकार के वित्त पोषित बारह कॉलेजों में नियमित और पर्याप्त अनुदान की मांग को लेकर संघर्षरत है।डूटा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि दिल्ली सरकार वित्त पोषित बारह कॉलेजों में अनियमित और अपर्याप्त अनुदान के कारण इन कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और अन्य भत्तों के भुगतान भी लंबित हैं।डूटा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 285 करोड़ रूपए की चौथी तिमाही की ग्रांट जारी करने की मांग की है , इसमें 100 करोड़ रूपए (चौथी तिमाही का बजट, जो पहले ही दिल्ली सरकार द्वारा पारित किया जा चुका है) और 185 करोड़ रूपए का अब तक का घाटा सम्मिलित है। डूटा का कहना है कि इस राशि का उपयोग दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों के कर्मचारियों के वेतन और अन्य बकाया राशि के भुगतान हेतु किया जाना है।
डूटा ने इन कॉलेजों में शिक्षकों की नियमितीकरण की प्रक्रिया भी तत्काल आरंभ करने की भी मांग की है। डूटा अध्यक्ष प्रो. ए.के. भागी का कहना है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों में अभी तक यह प्रक्रिया फंड कटौती और दिल्ली सरकार की शिक्षक विरोधी सेल्फ-फाइनेंसिंग नीति के कारण लंबित है।
प्रो. भागी ने कहा कि इन कॉलेजों के पास दिसंबर माह के वेतन का भुगतान करने के लिए कोई ग्रांट-इन-एड उपलब्ध नहीं है, जबकि दिल्ली सरकार का दावा है कि दिसंबर तक का वेतन चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही की राशि से जारी कर दिया गया है। डूटा ने इस संबंध में एक वित्तीय घाटे के चार्ट जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई भारी फंड कटौती इन कॉलेजों को वित्तीय संकट में डाल रही है। कॉलेजो की स्थिति इतनी खराब है कि वेतन, एरियर, चिकित्सा बिल और कर्मचारियों के अन्य वैध बकाया राशि का भुगतान तक नहीं हो पा रहा है।
इस संबंध में डूटा की ओर से मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार, श्रीमती आतिशी को लिखे पत्र में कहा गया है कि कॉलेजो पर लगाए जा रहे वित्तीय अनयमितताओं के आरोप आधारहीन हैं और सरकार को ऐसे आरोपों से बचना चाहिए। इस संबंध में नियमित ऑडिट की प्रक्रिया में स्पष्ट हो चुका है कि कॉलेजों में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई।
पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति की ओर से इन कॉलेजो के संबंध में की गई बैठकों का कार्यवृत्त आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है जो कि अनुचित है। डूटा ने अपने माँग पत्र में मुख्यमंत्री से चौथी तिमाही की ग्रांट और पूर्व के घाटे की राशि तुरंत जारी करने, छात्रों व समाज के हित में इन कॉलेजों के लिए उचित बजटीय प्रावधान सुनिश्चित करने और कॉलेजों में शैक्षणिक व शिक्षणेतर पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया तुरंत शुरु करने की माँग की है।
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