नई दिल्ली, दिल्ली पुस्तकालय संघ के तत्वावधान में नई दिल्ली स्थित नारायणा विहार में संघ के मुख्यालय , रंगनाथन भवन में 86 वां स्थापना दिवस बडी धूमधाम के साथ मनाया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन डीन ऑफ कॉलेजिज प्रोफेसर बालाराम पाणी व संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर के.पी.सिंह ने दीप प्रज्वलित कर प्रोफेसर एस .दासगुप्ता के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया । इस अवसर पर दिल्ली व बाहर से बडी संख्या में पुस्तकालय से जुड़े लोगों ने भाग लिया ।कार्यक्रम में दिल्ली पुस्तकालय संघ के सदस्यों की आमसभा में वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया तथा वर्षभर हुए कार्यक्रमों की विस्तृत रिपोर्ट भी पढ़ी गई ।
वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के पश्चात के प्रोफेसर एस. दासगुप्ता स्मृति व्याख्यान और स्थापना दिवस कार्यक्रम का विधिवत रूप से आरंभ किया गया । इस अवसर पर दिल्ली पुस्तकालय संघ के अध्यक्ष , गांधी भवन के निदेशक और वर्तमान में भारतीय पुस्तकालय एवम सूचना विज्ञान के क्षेत्र में महत्ती भूमिक निभाने वाले विद्वान प्रोफेसर के. पी .सिंह ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में दिल्ली लाइब्रेरी एसोसिएशन के प्रथम अध्यक्ष जॉन सार्जेंट से लेकर अपने पूर्ववर्ती अध्यक्षों के द्वारा समाज एवं पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान की चर्चा की । उन्होंने बताया कि प्रोफेसर एस. दासगुप्ता जो कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रथम पुस्तकालय अध्यक्ष व पुस्तकालय एवं सूचना विभाग के प्रथम प्रोफेसर तथा विभागाध्यक्ष के साथ ही दिल्ली पुस्तकालय संघ के स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस के संस्थापक निदेशक के रूप में किए गए उनके कार्यो को रेखांकित किया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पुस्तकालय में रोजगार के अधिक अवसर –प्रोफेसर पाणी
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेज प्रोफेसर बालाराम पाणी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया की वर्तमान समय में पुस्तकालय का स्वरूप जिस तरह बदल रहा है उसमें सूचना विज्ञान के लोगों को और अधिक सर्तकता की आवश्यकता है । उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पुस्तकालय विज्ञान ने रोजगार के सर्वाधिक अवसर पैदा किए है ।पुस्तकालय के बिना कोई भी शिक्षण संस्थान अधूरा है इसलिए वर्तमान समय में पुस्तकालय की सबसे अधिक जरूरत है ।
कार्यक्रम में “इनफॉर्मेशन फॉर रिट्रीवल” विषय पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर के. एस. राघवन , पूर्व प्रोफेसर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान मद्रास ने क्लासिफिकेशन तकनीकों के विषय पर गम्भीर चर्चा की । इसी परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर देविका पी . मदाल्ली , डॉयरेक्टर, इंफ्लीबनेट ने डॉ रंगनाथन के कोलोन क्लासिफिकेशन की महत्ता को बताते हुए उस अद्यतन नही होने के किए वर्तमान पीढ़ी के लिए कमी बताया । इस अवसर पर प्रो . के. एस . राघवन, प्रो. उमा कांजीलाल को डीएलए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया । डॉ तारिक अशरफ व डॉ. प्रदीप राय को शांता वशिष्ठ आउटस्टैंडिंग लीडरशिप अवार्ड, डॉ. प्रिया राय व डॉ . मनीष कुमार को डीएलए प्रफेशनल एक्सीलेंस अवार्ड, श्रीमती उषा खेमचंदानी और डॉ. हंसराज को डिस्टिंग्विश्ड फैकल्टी अवार्ड , श्रीमती गरिमा गौर को डॉ. रमेशचंद को बेस्ट पेपर अवार्ड के साथ नवाजा गया।
इस अवसर पर स्कूल ऑफ लाइब्रेरी साइंस के कई छात्रों को भी एसदास गुप्ता मैडल, एन .के. गोयल प्राइज , जोगिंदर सिंह एवम् सृजन कौर स्कॉलरशिप से पुरस्कृत किया गया। कार्यकम का समापन आए हुए मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
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