नई दिल्ली, इन्फेंट्री कमांडरों के 37वें सम्मेलन का 14 और 15 नवंबर 2023 को इन्फैंट्री स्कूल, महू में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस द्विवार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल मनोज पांडे ने की।
इस सम्मेलन में संचालन, प्रशिक्षण, क्षमता विकास और प्रौद्योगिकी के समावेशन में इन्फैंट्री से संबंधित मौजूदा और भविष्य के मुद्दों के बारे में चर्चा की गई। पारंपरिक युद्ध परिदृश्य और उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में इन्फैंट्री की क्षमताओं की समीक्षा करते हुए, भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप इन्फैंट्री की क्षमता को और आगे बढ़ाने के बारे में जरूरी निर्णय लिए गए।
सम्मेलन के दौरान, इन्फैंट्री ने घातकता, गतिशीलता, युद्धक्षेत्र पारदर्शिता, स्थितिजन्य जागरूकता और उत्तरजीविता के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी नवीनतम उपलब्धियों का प्रदर्शन किया। इन्फैंट्री को अभी हाल ही में प्राप्त हुए उन्नत नई पीढ़ी के हथियारों और उपकरण प्रणालियों के प्रदर्शन ने विरोधियों का मुकाबला करने के लिए इन्फैंट्री की उभरती हुई क्षमताओं में विश्वास जगाया है।
यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है और इसमें सेना के उप प्रमुख, छह जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के सत्रह अधिकारी और मेजर जनरल रैंक के चौदह अधिकारियों के अलावा इन्फैंट्री रेजिमेंट के कर्नलों और रेजिमेंटल सेंटर कमांडेंट्स ने भी भाग लिया। कई प्रतिभागी महू में उपस्थित थे जबकि कुछ अधिकारियों ने देश के प्रमुख सैन्य स्टेशनों से ऑनलाइन मोड में इस सम्मेलन में भाग लिया।
सेनाप्रमुख ने इन्फैंट्री को भविष्य के लिए एक अजय बल में परिवर्तित करने के लिए नवीनतम तकनीक को अपनाने की दिशा में सभी स्तरों पर किए जा रहे समर्पित और दृढ़ प्रयासों के लिए प्रतिभागियों की सराहना की। इस सम्मेलन में इन्फैंट्री भावना को बढ़ावा देने के साथ-साथ रेजिमेंटल लाइनों से परे बड़ी इन्फैंट्री बिरादरी के संबंधों को अधिक मजबूत बनाने में योगदान दिया है।
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