इंडी गठबंधन को लेकर भाजपा हमेशा से एक ही बात कहती आई है कि सिर्फ दल मिले हैं दिल नहीं मिले हैं – वीरेंद्र सचदेवा

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नई दिल्ली, 28 अप्रैल : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इंडी गठबंधन को लेकर भाजपा हमेशा से एक ही बात कहती आई है कि सिर्फ दल मिले हैं दिल नहीं मिले हैं और आज यह साबित हो गया जब सरदार अरविंद सिंह लवली ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।

प्रेस वार्ता का संचालन मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा कि धीरे धीरे ही सही लेकिन भाजपा का वह कथन सच साबित हो रही है कि 25 मई से पहले इंडी गठबंधन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया रिलेशन प्रमुख श्री विक्रम मित्तल भी उपस्थित थे।

श्री वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इंडी गठबंधन के खत्म करने का कारण भी कांग्रेस ही हैं जिसने कन्हैया कुमार एवं उदित राज जैसे लोगों को टिकट दिया जो देश को तोड़ने और बहुसंख्यक समाज को गाली देने का काम करते हैं।

हर वह व्यक्ति जो भारत को विकसित देखना चाहता है, जिसको देश की तरक्की देखना है, वह कभी ऐसे गठबंधन के साथ नहीं होगा जिसमें केजरीवाल जैसे भ्रष्टाचारी और कन्हैया कुमार जैसे राष्ट्र एकता विरोधी लोग हो।

श्री सचदेवा ने कहा कि अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे का संकेत तो उसी दिन मिल गया था जब राजकुमार चौहान ने पत्र लिखा था। जिन लोगों ने चाहे वह राजकुमार आनंद हो, राजकुमार चौहान हो या फिर अरविंदर सिंह लवली हो, इस्तीफा दिया है उनके पत्र में भ्रष्टाचार मूल विषय के साथ अरविंद केजरीवाल मुख्य कारण रहे। इसके अलावा कन्हैया कुमार को टिकट देना भी प्रमुख कारणों में से एक है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसके अंदर देश प्रेम हो वह देश के टुकड़े टुकड़े करने की बात करने वाले कन्हैया कुमार के साथ खड़ा नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी के ही विधायको का ट्वीट देखिए जो उन्होंने उस वक्त शीला दीक्षित के बारे में क्या क्या लिखा था और उसी दिन साबित हो गया था कि यह सिर्फ अपनी अपनी कुर्सी बचाने का गठबंधन है और कुछ नहीं।

श्री सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के अंदर एक नई परिपाटी आम आदमी पार्टी ने शुरू की कि हम भ्रष्टाचार भी करेंगे, हम चोरी भी करेंगे, हम जेल भी जायेंगे लेकिन हम बेशर्मी के साथ चुनाव भी लड़ेंगे। जिस परिवारवाद को अरविंद केजरीवाल कोसते थे आज उसे ही आगे बढ़ा रहे हैं और अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा देना अभी शुरुवात है क्योंकि अभी इस्तीफे का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।

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