नई दिल्ली( सुधीर सलूजा) माता सुंदरी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने 10 मई को अपना 57वां वार्षिक दिवस अद्वितीय उत्साह के साथ मनाया, जो कॉलेज समुदाय के समग्र विकास के लिए शैक्षणिक उपलब्धियों और सांस्कृतिक उत्सवों से भरे एक वर्ष के शानदार समापन का प्रतीक है।
कार्यक्रम की शुरुआत शबद गायन से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा थे। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी (अध्यक्ष, कॉलेज गवर्निंग बॉडी) ,सरदार पृथ्वीपाल सिंह जी (कोषाध्यक्ष, गवर्निंग बॉडी) , सरदार कुलबीर सिंह जी (सदस्य, गवर्निंग बॉडी), सरदार मनप्रीत सिंह जी ( अध्यक्ष, इंडियन चैंबर ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस) ,डी.आई.जी. प्रताप सिंह जी, कैप्टन एल.एस. बहल और मिस जेना चुंग (संस्थापक और निदेशक, इंडो-कोरिया बिजनेस कल्चर सेंटर) मौजूद रहे।
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रोफेसर हरप्रीत कौर ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और कॉलेज के विकास में उनके अटूट समर्थन के लिए सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने संस्थान द्वारा अकादमिक उत्कृष्टता की निरंतर खोज पर भी प्रकाश डाला। डॉ. विक्रमजीत जी ने कॉलेज को उसके प्रिंसिपल, फैकल्टी और छात्रों की अनुकरणीय उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लाभ के लिए छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए अधिक धनराशि आवंटित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। सरदार इकबाल सिंह जी ने छात्रों को सफल करियर बनाने में सुविधा प्रदान करने के लिए अधिक कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण योग्यता की पहचान थी, जहां उत्कृष्ट छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में उनके समर्पण और उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया, जिससे अन्य छात्रों को कॉलेज की उत्कृष्टता के लोकाचार में योगदान देने के लिए प्रेरणा मिली। कुलविंदर कौर को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ छात्रा घोषित किया गया।

इस अवसर पर प्रिंसिपल डॉ. हरप्रीत कौर द्वारा करतारपुर साहिब पर लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया और कई अन्य संकाय सदस्यों द्वारा लिखित पुस्तकें भी जारी की गईं। इस अवसर पर कॉलेज पत्रिका ‘बानी’ का विमोचन किया गया । एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति में प्रिंसिपल, संकाय और छात्रों द्वारा शैक्षणिक और सह-पाठ्यचर्या संबंधी उपलब्धियों का जीवंत मिश्रण दिखाया गया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों, सम्मेलनों, वार्ताओं, व्याख्यानों, विरासत यात्राओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्सवों की झलकियाँ प्रदर्शित की गईं। संयोजक डॉ. दिव्या प्रधान के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।
								
								
                
                                    
                                    
                                    
                            
                            
                            
                                                        
                                
                        
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