नई दिल्ली (सुधीर सलूजा /सानिध्य टाइम्स) डॉ .भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय में “हिंदी भाषा और तकनीक” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजभाषा समिति द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में हिंदी भाषा के तकनीकी स्वरूप, डिजिटल प्रयोग और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
हिन्दी जिस शान और मजबूती के साथ आज इंटरनेट की दुनिया में मौज़ूद है और ऐसे लाखों लोग जो सीधे-सीधे हिन्दी में लिख-बोल नहीं सकते किन्तु इंटरनेट के हिसाब हिंदी गूगल इनपुट जैसे दर्जनों माध्यम आज कैसे उपलब्ध हो सकी, इसकी विस्तार से चर्चा करते हुए कविताकोश के संस्थापक राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित ललित कुमार ने हिन्दी भाषा और तकनीक के आपसी रिश्ते को क्रमबद्ध तरीके से बताया। ऐतिहासिक संदर्भों को शामिल करते हुए कुमार ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए उनसे यह स्पष्ट हो सका कि इस काम में ऐसे सैकड़ों लोगों की भूमिका रही है जो सीधे-सीधे हिन्दी अध्ययन एवं शिक्षण के कार्य से नहीं जुड़े रहे किन्तु सामुदायिक विकास एवं हिन्दी के प्रसार की भावना ने उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित किया। हिन्दी में मानक रूप के ठीक ढंग से लागू न किए जाने के प्रति चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के प्रसार में अड़चने आती हैं और गति धीमी पड़ती है.अपने व्यक्तिगत जीवन के संघर्षों से प्रेरणा देते हुए उन्होंने कविताकोश वेबसाइट की शुरुआत पर प्रकाश डाला। ललित कुमार ने बताया कि विकिपीडिया में हिंदी सामग्री की तुलना में अंग्रेज़ी सामग्री का वर्चस्व है लेकिन समय आ गया है कि अब सामूहिक रूप से हिंदी के विकास पर कार्य किया जाए। प्रो. राम प्रकाश द्विवेदी ने विदेशों में हिंदी शिक्षण और तकनीक पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने कहा कि इस कार्यशाला से हमारे विद्यार्थियों को हिंदी के डिजिटल स्वरूप को समझने में बड़ी सहायता मिलेगी और वे हिंदी के विकास में भी कार्य कर सकेंगे।
कार्यशाला के दूसरे चरण में प्रश्न निवारण के अंतर्गत हिंदी भाषा के तकनीकी पक्ष संबंधी विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं के उत्तर दिएं। अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्यशाला संयोजक प्रो. शशि रानी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रो. बिजेंद्र कुमार, प्रो. ममता, डॉ. अर्चना माथुर, डॉ. रजनी, डॉ. विनीत कुमार डॉ. राजबाला गौतम और अनेक शिक्षकों समेत भारी संख्या में छात्र उपस्थित रहें।
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