नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज की योग समिति ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर “योग संगम” का आयोजन किया गया।इस राष्ट्रीय अभियान का उद्देश्य योग को जन-जन तक पहुंचाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में ‘पूरब से पश्चिम तक योग’ की भावना को आत्मसात करते हुए अनेक शिक्षकों, विद्यार्थियों और योग प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पूरे योग संगम कार्यक्रम को प्लास्टिक मुक्त रखा गया।
योग संगम कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सदानंद प्रसाद ने की। कॉलेज प्रबंध समिति अध्यक्ष प्रो. पंकज त्यागी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रो. संगीता शर्मा, डॉ. अनुराधा, डॉ. राजबाला, योग गुरु श्री विनोद, देवेंद्र और श्याम सुंदर भी कार्यक्रम में शामिल रहे। प्रो सदानंद प्रसाद ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पूर्ण कला है, जो आत्मा, प्रकृति और परमात्मा से जोड़ती है। प्रो पंकज त्यागी ने कहा कि कार्य को निरंतर जारी रखना ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। योग आंतरिक अनुशासन और बाह्य संतुलन का सशक्त माध्यम है।
प्रो. संगीता शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। योग भारत की पांच हजार वर्षों पुरानी परंपरा का जीवंत प्रमाण है।योग गुरु श्री श्याम सुंदर ने योग के नैतिक और सामाजिक पहलुओं को रेखांकित करते हुए कहा कि योग सोच और कर्म को संतुलित कर चरित्र निर्माण में सहायक होता है। इसका प्रभाव दूरगामी है और यह जीवन के प्रत्येक पहलू को स्पर्श करता है।
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