नई दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में गुरुवार, 8 फरवरी को 33 वें वार्षिक दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अकादमिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया । समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन प्रो. बलराम पाणी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यकारी अभियन्ता डी.के. जायसवाल और उत्तर – पूर्वी दिल्ली के कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव विवेक कुमार अग्रवाल की उपस्थित रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज संचालन समिति के अध्यक्ष प्रो. पंकज त्यागी ने की।
कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर रबिन्द्र नाथ दूबे ने अपने वक्तव्य में वर्ष 2023-24 के दौरान कॉलेज की उपलब्धियों को लेकर वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अम्बेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और पूरे देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक है। इस कॉलेज के कई पूर्व छात्र देश के उत्कृष्ट संस्थानों में कार्यरत हैं। यह हमारे लिए गौरव का विषय है। आगे उन्होंने कहा कि हमारे कॉलेज ने गत वर्ष कई राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में भाग लिया और कॉलेज भी विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों का केंद्र रहा। इस दौरान कॉलेज विकसित भारत की संकल्पना के साथ G20 कार्यक्रम का भी एक प्रमुख केंद्र बना। कॉलेज को इस ऊंचाई तक ले जाने में यहां के छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों एवं कर्मचारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बलराम पाणी ने कहा कि मैंने इस कॉलेज में नारी शक्ति की ताक़त को अनुभव किया है। कॉलेज उपलब्धियों में जितना योगदान छात्रों का है, उससे कहीं अधिक छात्राओं की सक्रिय भूमिका रही है। छात्र-शिक्षक संबंध पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक ही राष्ट्र निर्माता होता है और गुरु के सहयोग के बिना एक छात्र कभी सफलता की ऊंचाइयों को नहीं छू सकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विवेक कुमार ने छात्रों को कानून की व्यावहारिक जानकारी देते हुए बताया कि वह अपराध से जुड़े मामले को लेकर किस प्रकार से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। महिला सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं से संबंधित अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर पंकज त्यागी ने बताया कि जीवन में सफल होने के लिए छात्रों को कुछ बुनियादी बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। एक सजग छात्र को अपने पाठ के साथ-साथ सामाजिक जीवन की भी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें समस्याओं को समझना और उसका हल करना आना चाहिए। नई शिक्षा नीति के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों में कौशल विकास पर बल दे रही है। नयी शिक्षा नीति लागू किए जाने के बाद से दिल्ली विश्वविद्यालय में विगत दो वर्ष में इसके बेहतरीन परिणाम देखने को मिले हैं।
वार्षिक दिवस समारोह के अवसर पर शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ, एनएसएस, एनसीसी एवं विविध सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले छात्रों को प्रमाण-पत्र एवं मेडल देकर पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ छात्र का वार्षिक पुरस्कार आकाश को प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संयोजन प्रोफेसर दीपाली जैन एवं संचालन प्रोफेसर ममता यादव ने किया।
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