चंडीगढ़ 18 नवम्बर-हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में मानव तस्करी रोकथाम विषय पर पांच दिवसीय उत्तर क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ हुआ। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक उप निरीक्षक से निरीक्षक पद तक के 18 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। जिसमें हरियाणा व जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ सत्र को संबोधित करते हुए कोर्स निदेशक एवं अकादमी के उप पुलिस अधीक्षक राजकुमार ने कहा कि तस्करी का सबसे बड़ा शिकार बच्चे व महिलाएं होते है जो सचेत रहते है वे ही मानव तस्करी से सुरक्षित रहते है। अधिकतर महिलाओं व बच्चों को यौन शोषण व मजदूरी, बच्चों को भीख मंगवाने तथा मानव अंगों की तस्करी के लिए ले जाया जाता है। जो बच्चे व महिलाएं अपने परिवार से अलग हो जाते है, जिनका कोई संरक्षक नहीं है हमें उनको सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की जानकारी ओर जागरूकता हमें ताकतवर तथा मजबूत बनाती है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए अकादमी के निदेशक एवं इंचार्ज मधुबन पुलिस परिसर एडीजीपी श्रीकांत जाधव तथा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो नई दिल्ली का आभार प्रकट किया।
आगामी सत्र में श्री शशांक शेखर एडवोकेट उच्चत्तम न्यायालय नई दिल्ली ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीने का, सुरक्षा का, विकास का, भागीदारी के प्रमुख अधिकार होते है। हमें प्रत्येक बच्चे के दर्द को उतना ही गहराई से समझना चाहिए जितना हम अपने बच्चे के दर्द को समझते हैं। बच्चे को सुने, बच्चे को बोलने दे तथा उसके अधिकारों को ध्यान में रखकर उससे बातचीत करके हम बच्चों को मानव तस्करी का शिकार होने से बचा सकते हैं। बच्चों की गुमशुदगी के मामलों की गंभीरता तथा तफतीश करते समय किन-किन पहलुओं को मध्यनजर रखना चाहिए इस विषय पर भी बल दिया गया।
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